- जैतून के तेल को हल्का गर्म करे और उसकी 4-5 बूंदे कान में डाले। ये नुस्खा करने का दूसरा आसान तरीका है एक रुई का टुकड़ा तेल में डुबाए और उसे कान पर लगा के रखे। अगर आपके घर में जैतून का तेल नहीं है तो आप सरसों का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लह्सुन के 2 कलिया ले और उनपे दबाव डालकर पेस्ट बना ले और उसमे 2 चमच्च सरसों का तेल मिलाए। अब इस मिश्रण को गर्म करे जब तक लह्सुन का रंग भूरा ना हो जाए। अब इसे थोडा ठंडा होने के बाद इसकी कुछ बुँदे कान में डाले। कुछ ही समय में आपको कान दर्द में राहत महसूस होने लगेगी।
- एक साफ़ प्याज़ का टुकड़ा ले और उससे रस निकल ले। इस रस को धीमी आग में हल्का गर्म करे। अब इस हलके गर्म प्याज़ के रस की 2-3 बुँदे कान में डाले। ऐसा आप दिन में 2 बार सुबह शाम करे।
- आपको बस नमक को हलकी आंच पर थोडा गर्म करना है और रुई के एक छोटे टुकड़े पर हल्का गर्म नमक रखे। और इस रुई को 10 मिनट के लिए कान पर रखे।
- कुछ पुदीने की ताज़ा पत्तियों का जूस निकाले और इस रस की कुछ बूंदे कान में डाले। ये नुस्खा करने का दूसरा आसान तरीका है रुई को पुदीने के तेल में बिगोए और उससे कान के बाहरी तरफ कुछ समय के लिए रखे। ध्यान रहे पुदीने का तेल कान के अंदर ना जाने पाए।
शीतला या चेचक (Chickenpox) के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार
रोग के परिचयचेचक के रोग में बुखार के बाद शरीर पर लाल दाने निकलते हैं । ये दाने 2 से 3 दिन के बाद फफोले का रूप ले लेते हैं । 4 से 5 दिन में इन दानों में से पपड़ी जमकर नीचे गिरने लगती है । चेचक में बुखार और प्रदाह (जलन) के कारण […]